अल्मोड़ा। राज्य आंदोलनकारियों की एक बैठक मनिआगर में सोमवार को आयोजित हुई। बैठक में विगत पांच माह से राज्य आंदोलनकारियों को पेंशन नहीं मिलने पर भारी आक्रोश व्यक्त किया गया। वक्ताओं ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी चिन्हीकरण ही नहीं अपितु सुविधाएं दिए जाने में भी राजनीति के शिकार हो रहे हैं।
राज्य आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि राज्य में बारी बारी सत्ता में आई कांग्रेस और भाजपा ने जहां अपने अपने लोगों को मानकों में ताक में रखकर राज्य आंदोलनकारी चिन्हित करवाया वहीं उन्हें तरह तरह से लाभ भी पहुँचाए, जबकि अनेक वास्तविक राज्य आंदोलनकारी आज भी चिन्हित नहीं हो पाए हैं। अभी हाल में सरकार ने फिर से चिन्हीकरण का शिगूफा तो छेड़ा पर वास्तविकता यह है कि सरकार केवल उन मामलों पर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांग रही है जिनके मामले जिला प्रशासन के पास लंबित हैं जिन मामलों में जिला प्रशासन निर्णय दे चुका है भले ही वह गलत हो उन पर विचार नहीं होगा और न, ही नए आवेदन लिए जाएंगे।
बैठक में मांग की गई कि जिला प्रशासन द्वारा अकारण अथवा जानकारी के अभाव में राज्य आंदोलनकारियों के प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिये हैं उन पर भी विचार हो और पर्याप्त आधार वाले नये आवेदन भी स्वीकार किये जाय।
यहाँ बैठक में ब्रह्मा नन्द डालाकोटी, दिनेश शर्मा, महेश पांडे, मोहन सिंह भैसोड़ा, हेम जोशी, गोपाल सिंह बनौला, शंकर दत्त, पूरन सिंह बनौला, ताराराम, कैलाश राम, दिवान सिंह, नन्दन सिंह, सुंदर सिंह, गोपाल सिंह गैड़ा सहित काफी संख्या में राज्य आंदोलनकारी उपस्थित थे।