बागेश्वर। हर साल की तरह इस साल भी कुंती गधेरा मंडलसेरा वार्ड के लोगों के लिए आफत बनकर बह रहा है। गुरुवार की रात हुई बारिश से पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया। लोगों के घरों में नालों का पानी घुस गया। इस कारण लोग रातभर सो नहीं पाए। शुक्रवार की सुबह तहसीलदार व ईओ नगर पालिका क्षेत्र में पहुंचे तो लोगों को गुस्सा उन पर टूट पड़ा। क्षेत्र के लोगों ने दोनों का घेराव किया और जलभराव जैसी समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। एक घंटे तक लोग अधिकारियों पर गुस्सा निकालते रहे। बाद में किसी तरह उन्हें समझा पाए।
मंडलसेरा बायपास सड़क बनने के बाद एकाएक मंडलसेरा में मकानों की बाढ़ आ गई। सड़क किनारे जमीन की कीमत भी दोगुनी हो गई। लेकिन क्षेत्र में बह रहे बरसाती नालों के पानी की निकासी के बारे में किसी ने सोचा तक नहीं। लगातार यहां विकास कार्य होते रहे। यहां हर साल दस से 20 नये मकान बन रहे हैं, लेकिन बरसाती नालों के पानी की निकासी अभी तक नहीं हो पाई है। इस कारण बारिश के दिनों में हर साल कुंती नाले के उफनाते ही लोगों की समस्या बढ़ जाती है। गुरुवार की रात हुई तेज बारिश के बाद समूचा क्षेत्र जलमग्न हो गया। लोगों के घरों तक पानी घुस गया। निर्माण कार्य के लिए आई सामग्री भी मलबे में दब गई। लोग रातभर सो तक नहीं पाए।
शुक्रवार की सुबह तहसीलदार दीपिका आर्या, नगर पालिका के ईओ हयात सिंह परिहार जैसे ही क्षेत्र में पहुंचे रातभर से परेशान लोगों का गुस्सा उन पर टूट पड़ा। उन्होंने अधिकारियों ने जलभराव की समस्या से निजात दिलाने की मांग की। अधिकारियों की बातों को क्षेत्र के लोग सुनने को तैयार नहीं। आधा घंटा गुस्सा फूटने के बाद लोग शांत हुए।
ईओ ने बताया कि पालिका लगातार क्षेत्र में पानी निकासी के लिए नाली निर्माण का कार्य कर रही है, लेकिन जमीन नहीं मिलने के कारण नालियां नहीं बन पा रही हैं। लोगों ने पानी का रास्ता खुद ही बंद कर दिया है।
तहसीलदार ने बताया कि कुंती नाले का पानी सरयू तक पहुंचाने का प्रयास चल रहा है, लेकिन बीच में बने मकानों के चलते इसमें बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि जल्द समस्या का समाधान किया जाएगा। इसके बाद लोग शांत हुए।
घेराव करने वालों में रेखा देवी, विमला माजिला, कमला मेहता, रजनी मेहता, आशा फुलारा, गणेश मलडा, सभासद रूपा देवी, किशन विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।