देहरादून। बिंदाल-रिस्पना कॉलोनी बचाओ को लेकर 20 मई को एक विशाल प्रदर्शन किया गया जिसमें मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजा।
बस्ती बचाओ आंदोलन के वैनर के तहत बस्ती बचाओ आन्दोलन ,बस्ती बचाओ अभियान (सीटू) ,चेतना आंदोलन जनवादी महिला समिति ने 20 मई को गांधी पार्क में एकत्रित होकर सचिवालय कूच किया जहाँ भारी पुलिस बल ने उन्हें बीच में ही परेड ग्राउंड चौक पर रोका तथा तहसीलदार सदर सुरेन्द्र देव के माध्यम से मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन लेकर तत्काल वार्ता का आश्वासन दिया।
सचिवालय पर आयोजित विशाल प्रदर्शन के माध्यम से प्रभावितों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन के माध्यम से पुरजोर तरीके से मांग करते हैं कहा दया कि गैर जरूरी एलिवेटेड रोड़ को निरस्त किया जाये क्योंकि ये न केवल क्षेत्र के हजारों- हजार परिवारों के जीवन को प्रभावित कर रहा है ,बल्कि हजारों परिवारों को दरबदर करने वाले कार्य है । दूसरी तरफ एनजीटी के आदेश के नाम पर इन बस्तियों में कई गरीब परिवारों के मकानों को अवैध घोषित कर सर्वाेच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों की सरासर अवहेलना हो रही है, जबकि ठीक इसके विपरीत बड़े रसूखदारों और सरकारी कब्जों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रभावित परिवारों की ओर से मुख्य सचिव, जिलाधिकारी, नगर आयुक्त और माननीय महापौर के समक्ष अपनी मांगें रखी हैं तथा माननीय रजिस्ट्रार एजिटि, राज्यपाल, नेता प्रतिपक्ष आदि को अनेकों बार पत्र दिया गया। ज्ञापन में कहा गया है कि आशा है कि उपरोक्त बिन्दुओं पर वार्ता हेतु आमंत्रित करेंगे, इस उम्मीद से प्रदर्शन को ज्ञापन सौंपकर विराम दिया गया।
विशाल प्रदर्शन में अग्रिम पंक्ति में अनन्त आकाश (संयोजक बस्ती बचाओ अभियान) लेखराज (जिलाध्यक्ष जिला महामंत्री (सी. आई. टी. यू.) चेतना आन्दोलन राजेन्द्र शाह, नुरैशा अंसारी जिलाध्यक्ष ,जनवादी महिला समिति, मोहम्मद अल्ताफ/अदनान मण्डल अध्यक्ष कांग्रेस, दिलैराम रवि अध्यक्ष अम्बेडकर युवा समिति, नरेन्द्र सिंह, प्रेमा गढ़िया, सोनू कुमार, किरण यादव, विप्लव अनन्त, सुनीता राजेन्द्र शाह, राजेन्द्र शर्मा, संजय सोनकर, बिन्दा मिश्रा, इंदु, सरोज, तमरेज, शबनम, माला, संजय भारती, सुरेशी, रामसिंह भंडारी, हरीश कुमार, साबरा, सालैहा आदि बस्ती बचाओ आन्दोलन कै नेतृत्वकारी