चित्रदुर्ग। चित्रदुर्ग जिले के कवाडीगरहट्टी में जल प्रदूषण मामले में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढक़र चार हो गई, साथ ही अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या भी 36 से बढक़र 149 हो गई है।
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है उनमें से कई की हालत गंभीर है।
चित्रदुर्ग के बसवेश्वरा अस्पताल में भर्ती 50 वर्षीय रुद्रप्पा की आज सुबह उल्टी और दस्त के कारण मौत हो गई।
जल प्रदूषण की घटना 31 जुलाई को दर्ज की गई थी। चित्रदुर्ग के बाहरी इलाके कवाडीगरहट्टी के निवासी मंजुला (23) और रघु (27) की दूषित पानी पीने से मृत्यु हो गई थी और 36 अन्य बीमार पड़ गए थे। प्रवीण, जो 30 जुलाई को गांव में अपने रिश्तेदारों से मिलने गए थे, अगले दिन वड्डारसिद्दनहल्ली में उनकी मृत्यु हो गई।
चित्रदुर्ग से सांसद भारत के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए. नारायणस्वामी ने मृतक रुद्रप्पा के आवास का दौरा किया और परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी।
चित्रदुर्ग में लोगों ने प्रशासन और स्थानीय कांग्रेस विधायक के.सी. वीरेंद्र पप्पी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। पुजारी शिवशरण हरलैया और दलित नेताओं के विरोध के बाद, विधायक पप्पी ने बसवेश्वर अस्पताल का दौरा किया।
115 लोगों को बसवेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया गया है और 34 लोगों का इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है।
पानी के सैंपल की एफएसएल रिपोर्ट में कोई जहरीला रसायन नहीं पाए जाने की पुष्टि हुई है। आरोप लगाया गया कि एक स्थानीय व्यक्ति के खिलाफ पॉक्सो मामला दर्ज होने के बाद शरारती तत्वों ने पानी में जहर मिला दिया होगा। हालांकि, रिपोर्ट में पुष्टि की गई है कि यह त्रासदी पानी के दूषित होने के कारण हुई है।
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और अधिकारियों को दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने एईई आर. मंजूनाथ गिराड्डी और जेई एसआर किरण कुमार को निलंबित करने की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट भेज दी है। कवाडीगरहट्टी में वॉल्व ऑपरेटर के रूप में काम करने वाले प्रकाश को भी जिला आयुक्त ने निलंबित कर दिया।