देहरादून। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विनोद कुमार बिष्ट ने पिथौरागढ़ के मुनस्यारी और मुख्यालय पिथौरागढ़ में सहकारी बैंकों की शाखाओं और सहकारी समितियों का निरीक्षण किया। उन्होंने एक एक चीज की जानकारी लेकर पिथौरागढ़ चंपावत जनपदों की बैंक प्रगति की चर्चा की। उन्होंने कहा कि, ऋण को ज्यादा से ज्यादा लोगों को देने के साथ ही एनपीए कम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
मुख्यालय पिथौरागढ़ में मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड श्री बिष्ट ने बैंक और सहकारी समिति के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में जमा और ऋण वितरण बढ़ाने के साथ-साथ गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) को कम करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ग्रामीण आजीविका में सहकारी बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला और बैंक को ग्रामीण आजीविका को और मजबूत करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के माध्यम से किसानों को ऋण वितरित करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया। सहकारी बैंकों के लिए नाबार्ड के निर्देशों के अनुरूप होना अनिवार्य है, क्योंकि वे ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जमा राशि और ऋण वितरण बढ़ाने के साथ-साथ एनपीए को कम करने पर ध्यान केंद्रित करके, सहकारी बैंक ग्रामीण समुदायों की वृद्धि और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
इससे पूर्व नाबार्ड सीजेएम श्री बिष्ट के जिले आगमन पर बैंक के सचिव महाप्रबंधक दिग्वजय सिंह सहित बैंक अफसरों ने उनका स्वागत किया।
बैंक मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में जीएम दिग्विजय सिंह, सहायक प्रबन्धक नाबार्ड अमित पाण्डेय, जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड राकेश कन्याल, उपमहाप्रबन्धक अजय दुर्गापाल, अनुभाग अधिकारी हरिशंकर जोशी, देवेन्द्र सिह वृजवाल, ललित शर्मा, पीयुष पन्त, होशियार सिह बिष्ट, कवीन्द्र सिह लुन्ठी, जानकी गर्व्याल, हितेन्द्र महर, पंकज भट्ट, गौरव लोहनी, बशीर अहमद, सुशील ग्वासीकोटी, विजय सामन्त, अनिल कुमार, हिमांशु शर्मा आदि उपस्थित थे।