भारतीय सेना के सम्मान में कांग्रेस निकालेगी ‘जय हिंद’ रैली

हल्द्वानी। भारतीय सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर में बड़ी सफलता हासिल की। सेना के सम्मान में जहां भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में शौर्य तिरंगा यात्रा निकल रही है तो वहीं उत्तराखंड कांग्रेस अब ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जय हिंद’ रैली, निकालने जा रही है। जिसकी शुरुआत कुमाऊं की आर्थिक राजधानी हल्द्वानी से 1 जून से शुरू करने जा रही है। जय हिंद रैली के सफल बनाने के लिए हल्द्वानी में कांग्रेस स्वराज आश्रम में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के अलावा कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता के साथ-साथ भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।

इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा देश के वीर सैनिकों के अदम्य साहस, बलिदान और सम्मान को नमन करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ‘जय हिंद’ रैली निकालने जा रही है। उत्तराखंड में इस रैली का शुभारंभ हल्द्वानी से किया जाएगा। यह रैली विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत भारत की सैन्य ताकत और देशभक्ति को समर्पित होगी। जिसमें हमारे सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान की ओर से होने वाली साजिशों और आतंक को मुंहतोड़ जवाब दिया।

इस रैली का उद्देश्य है सैन्य बलों के पराक्रम को राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सम्मान देना और जनता को यह संदेश देना कि कांग्रेस हमेशा देश के जवानों के साथ खड़ी रही है। इस दौरान करन महरा ने केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस रैली के माध्यम से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मोदी सरकार की फेलियर को भी लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के गृहमंत्री सदन में बयान देते हैं कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी अगर 2 दिन बाद युद्ध विराम कर दी होती तो आज पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का होता, लेकिन, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान केंद्र सरकार अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और एक बड़े व्यापारी के दबाव में आकर युद्ध विराम को अंजाम दिया।

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कर्नल सोफिया का भी भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े मंत्री ने अपमान किया है। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा के अंदर भी अंदरूनी कलह है। उन्होंने कहा इस रैली को सफल बनाने के लिए लोगों को अधिक से अधिक पहुंचने की अपील की गई है। पूर्व सैनिकों को जोड़ने का काम किया जा रहा है। जिससे कि ऑपरेशन सिंदूर में शहादत देने वाले सैनिकों को सम्मान मिल सके।

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