चमोली। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर मुख्य भवन के निर्माण की मांग की है। विनगढ की प्रधान लक्षमी देवी,पूर्व प्रधान हर्षवर्धन चैहान,कुजासू के पूर्व प्रधान शिवराज राणा, सुदर्शन राणा ,पूर्व प्रमुख नरेंद्र रावत ,हरीश रावत ,हरीश खाली ,टीका प्रसाद खाली ,भागवत रावत क्षेत्र पंचायत सदस्य सुभाष रावत,, सहित तमाम क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि क्षेत्रीय जनता के लम्बे सघर्ष के बाद उडामाडा इंटर कालेज की स्थापना 1975 में जूनियर हाईस्कूल के रुप में हुई। जिससे वे अपने नौनिहालों को यहां से जूनियर हाईस्कूल तक की शिक्षा दिला सके फिर छात्र संख्या में बढ़ोतरी हुई और 1985 में इस विधालय का हाईस्कूल और 2005 में इंटरमीडिएट के रुप में उच्चीकरण हुआ लेकिन आज तक इंटर कालेज उडामाडा का मुख्य भवन नहीं बना, साथ ही वर्षो से प्रधानाचार्य का पद रिक्त चल रहा है ।
कई बार मुख्य भवन की मांग के लिए शासन प्रशासन , विभागीय उच्चाधिकारियों शिक्षा मंत्री, विधायक को पत्र दिए गए लेकिन आज तक मुख्य भवन नहीं बना। वर्तमान में यहां पर 147। छात्र छात्राएं अध्यनरत हैं। लेकिन मुख्य भवन नहीं होने से 1975 में क्षेत्रीय लोगों द्वारा सर्वदान में बनाये गये पुराने जीर्ण शीर्ण भवन में कक्षाएं चल रही हैं। जो अब पाषाण युग में पहुंच चुका है ।इस भवन के टिन और लकड़ियां सड चुकी है ।दीवारें ढहने के कगार पर पहुंच चुकी है अन्दर गड्डे बने हुए हैं। जबकि सरकार डिजिटल शिक्षा की बात कर रही है । हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र छात्राओं के लिए रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान,जीव विज्ञान, भूगोल विषयों के प्रैकटिकल के लिए कोई लैव की ब्यवस्था नहीं है। जबकि सरकार की शिक्षा नीति है कि छात्र छात्राओं को इंस्ट्रूमेंट दिखाकर विषयों के प्रैक्टिकल करवाया जाए लेकिन लैब नहीं होने से छात्र छात्राओं के इन विषयों के प्रैक्टिकल भगवान भरोसे चल रहे हैं। वर्षात के समय थोड़ी भी बारिश होने से इस भवन के अंदर पानी टपकने लगता है ।और ग्रामीणों के सहयोग से इस पुराने जीर्ण शीर्ण भवन में तिरपाल डालकर छात्र छात्राओं की कक्षाएं संचालित करनी पड़ती है । भवन और लैब के अभाव में अभिभावक यहां से अपने बच्चों को अन्य विद्यालयों ,कालेजों मे शिफ्ट करने को मजबूर हैं। लिहाजा छात्र छात्राओं के भविष्य को देखते हुए अभिलम्ब राजकीय इंटर कालेज उडामाडा में मुख्य भवन सहित भुगोल ,रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान,जीव विज्ञान विषयों के लैबों का निर्माण करवाकर प्रधानाचार्य की नियुक्ति की जाय वरना वे क्षेत्रीय जनता के साथ शिक्षा विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।