देहरादून। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) अयोध्या (यूपी) में चल रहे उत्तर प्रदेश सरकार के ई-मोबिलिटी अभियान में शामिल हो गया है। हरित अयोध्या और खासकर अकुशल महिलाओं को हुनरमंद बनाने के उद्देश्य से, सिडबी ने ईटीओ मोटर्स का समर्थन करते हुए, अयोध्या में अपनी ईवी सेवाएं शुरू कर दी हैं। माननीय मुख्यमंत्री ने अयोध्या धाम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ईटीओ के ई-ऑटो सहित ई-मोबिलिटी से जुड़ी कई पहलों को हरी झंडी दिखाई। इस समारोह में सीजीएम डॉ. आर के सिंह के नेतृत्व में टीम लखनऊ आरओ और टीम ग्रीन शामिल रहीं। प्रदूषण घटाने के साथ-साथ पवित्र अयोध्या नगर में आवागमन को आसान बनाना इस पहल का उद्देश्य है। यूपी सरकार ने चार्जिंग इन्फ्रा और पार्किंग स्टेशन प्रदान किया है, जबकि सिडबी से सहायता प्राप्त ईटीओ आम लोगों के लिए ईवी ऑटो तक निर्बाध पहुंच की व्यवस्था करेगा। यह उल्लेख करना जरूरी है कि यूबर, जिसके साथ हमने उसके एग्रीगेटर्स को ई-मोबिलिटी की गहरी पैठ बनाने के लिए एमओयू किया है, अपने मैचमेकिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस पहल को शक्ति प्रदान करेगा। अपनी रोजी-रोटी का सफर शुरू करने वाले प्रशिक्षित ड्राइवरों की आंखों में चमक देख कर बड़ा गर्व महसूस हुआ। इस कदम से अयोध्या आने वाले लाखों लोगों के बीच पर्यावरण के प्रति जवाबदेही बढ़ने की अपेक्षा की जा रही है।
इस अवसर पर सिडबी के सीएमडी शिवासुब्रमण्यन रामन ने संदेश दिया कि “परिवहन क्षेत्र को कार्बन मुक्त बनाना समय की मांग है, और सिडबी ने भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपनाने की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए कई पहले शुरू की हैं। इन पहलों का उद्देश्य यह है कि ईवी पारिस्थितिकी तंत्र को सस्ती दरों पर पूंजी उपलब्ध कराई जाए, ईवी ऋण की सुरक्षा के लिए शेल फाउंडेशन से सहायता प्राप्त जोखिम साझाकरण की सुविधाएं मुहैया कराई जाएं, तथा छोटे कस्बोंध्ग्रामीण भारत की उद्यमी महिलाओं के सफर में साथ निभाया जाए। ईवी तक किफायती पहुंच प्रदान करके सिडबी आखिरी सिरे तक पहुंचने का प्रयास करता है। यह पहल पूरे भारत का ध्यान खींच रही है। इसके लाभार्थियों में लास्ट-माइल डिलिवरी और कनेक्टिविटी प्रदान करने वाले, उपयोगकर्ताओं को वाहन किराए पर देने वाले, बैटरी स्वैप करने वाले स्टेशन, चार्जिंग पॉइंट ऑपरेटरों के जैसे सक्रिय उद्यमी तथा समर्पित ई-मोबिलिटी केंद्रित एनबीएफसी शामिल हैं। पंचामृत मिशन के अनुरूप, सिडबी ने अपने पंच-तत्व मिशनों के माध्यम से ऋण की पहुंच का डिजिटलीकरण करने और उद्यम के पारिस्थितिकी तंत्र को हरित बनाने की प्राथमिकता अंगीकार की है, यानी इलेक्ट्रिक वाहनों, ऊर्जा दक्षता, सौर ऊर्जा, प्रकृति का पालन-पोषण (प्रौद्योगिकी के नाते) करना और अपशिष्ट को पर्यावरण के अनुकूल बनाना।