देहरादून। उत्तराखंड राज्य में पत्रकारों के साथ अनेक मामलों में अपनाए जा रहे दोहरे मानको पर पत्रकारों ने गहरी चिंता एवं आक्रोश व्यक्त किया है। पत्रकारों की संस्था ष्पत्रकार संगठन मीडिया राइट उत्तराखण्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक में पत्रकारों की समस्याओं को लेकर जहां कई बिंदुओं पर गहनता पूर्वक विचार विमर्श किया गया, तो वहीं राज्य के मुख्यमंत्री से भेंट वार्ता कर विभिन्न मांगों एवं समस्याओं के समाधान कराने का भी निर्णय लिया गया। पत्रकार संगठन मीडिया राइट की स्थानीय नेहरू कॉलोनी स्थित चिली रेस्टोरेंट में शाम के समय आयोजित की गई बैठक में भारी संख्या में पत्रकारों ने कई बिंदुओं को संगठन के सामने मजबूती के साथ रखा। पत्रकार संगठन मीडिया राइट के अध्यक्ष अमित नेगी एवं महामंत्री कृपाल सिंह की मौजूदगी में हुई इस बैठक में पत्रकारों ने अपनी बात रखते हुए विशेष रूप से कहा कि जब तक उनमें एकजुट होने का अभाव रहेगा, तब तक उनके साथ भेदभाव के मानक सरकार एवं सूचना लोक संपर्क विभाग द्वारा अपनाए जाते रहेंगे।
पत्रकार संगठन मीडिया राइट के प्रदेश अध्यक्ष अमित नेगी ने कहा कि पत्रकारों के साथ भेदभाव होना आज की कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा तभी हो पा रहा है, जब हम पत्रकारों में एकजुटता नहीं है और इसके लिए स्वयं हम पत्रकार ही कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं प् उन्होंने कहा कि पत्रकारों को छोटा और बड़ा समझा जा रहा है। इनको दो भागों में विभाजित कर दिया गया है, जो कि बहुत ही दुख तथा चिंता का गंभीर विषय है।
संगठन के प्रदेश महामंत्री कृपाल सिंह ने कहा कि पत्रकारों के एकजुट न होने के कारण ही अन्याय सहन करना पड़ रहा है प् उन्होंने कहा कि हम सभी पत्रकारों को एक मंच पर आना होगा और अपने अधिकारों को लेकर अपने कदम मजबूती के साथ आगे बढ़ाने होंगे, तभी जाकर हमारी जीत सुनिश्चित हो पाएगी। पत्रकार संगठन मीडिया राइट के प्रदेश महामंत्री कृपाल सिंह ने कहा कि हमारे अधिकारों को कोई छीन नहीं सकता। उन्होंने पत्रकार संगठन मीडिया राइट के बैनर तले सभी इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के पत्रकारों को एकजुट करने एवं उसका विस्तार करने पर भी विशेष रूप से बल दिया।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार मनोज ईस्टवाल ने भी आयोजित की गई बैठक में अपने कई सुझाव रखे और कहा कि समाज में इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के पत्रकार अपनी भूमिका तथा लेखनी का निर्वहन विकट परिस्थितियों में दिन-रात कर रहा है, लेकिन उनको उनके अधिकार पूरी तरह से नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में पत्रकारों को संदेह की दृष्टि से भी अक्सर देखा जाता रहा है, जबकि वह पूरी ईमानदारी के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करता रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पत्रकार संगठन मीडिया राइट की मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाए ताकि पत्रकार अपने अधिकारों से वंचित न रहे।
बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए वरिष्ठ पत्रकार सचिन गौनियाल ने कहा कि पत्रकार कोई छोटा अथवा बड़ा नहीं होता है, लेकिन सूचना एवं लोक संपर्क विभाग ने दोहरे मानक अपनाकर पत्रकारों को विभाजित करने का सिलसिला जारी रखा हुआ है, जिसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वरिष्ठ पत्रकार चैधरी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हम सभी को अपने अधिकारों के लिए सर्वप्रथम एकजुट होना पड़ेगा, यदि हम एकजुट होकर अपने अधिकारों को लेकर नहीं लड़ेंगे तथा आवाज को बुलंद नहीं करेंगे, तब तक पत्रकारों के साथ अन्याय होता रहेगा और वह अपने अधिकारों से वंचित होते रहेंगे।