देहरादून। उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी हरिद्वार (उत्तराखण्ड सरकार) द्वारा संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार और संस्कृत को जनभाषा बनाने हेतु समय समय पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में कार्तिक शुक्ल द्वादशी से मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी तक महाकवि कालिदास जयन्ती मास महोत्सव का आयोजन उत्तराखण्ड के 13 जनपदों में ऑनलाइन व्याख्यानमाला के रूप में किया जा रहा है। महाकवि कालिदास भारतीय संस्कृति के सम्पोषक-संवाहक के रूप में जाने जाते हैं।
उनकी कृतियों में सम्पूर्ण भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हैं। कालिदास की कृतियों में निहित ज्ञान परम्परा को जन-जन तक पहुँचाने के लिए विविध व्याख्यानों का आयोजन उत्कृष्ट कार्य है। इसी क्रम में देहरादून जनपद में 11 दिसंबर को अन्तर्जाल के माध्यम से अपराह्न 2 बजे से महाकवि कालिदासस्य ग्रन्थेषु वर्तमानसमाजस्य दिग्दर्शनम तथा महाकवि कालिदास दृष्ट्या शिक्षायाः स्वरुपम विषयों पर व्याख्यान का आयोजन होगा। जिसमे मुख्यवक्ता प्रो. सतीश कुमार कपूर भारतीय साहित्य विद्या शास्त्राध्यक्ष केन्द्रीय विश्वविद्यालय रणबीर परिसर जम्मू रहेंगे। सहवक्ता डा० सुमन प्रसाद भट्ट सहायकाचार्य, शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार, मुख्यातिथि प्रो० मार्कण्डेयनाथ तिवारी विभागाध्यक्ष सांख्ययोग विभाग श्रीलालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली, विशिष्टातिथि डॉ. रामभूषण बिजल्वाण प्राचार्य श्री गुरु राम राय लक्ष्मण संस्कृत महाविद्यालय देहरादून तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष डा. जीतराम भट्ट निदेशक प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान दिल्ली रहेंगे।
उक्त कार्यक्रम में उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के सचिव एस० पी० खाली मार्गदर्शक तथा सह संयोजक डॉ. आनन्द मोहन जोशी विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग हिमालयीय विश्वविद्यालय देहरादून तथा जनपद संयोजक डॉ. प्रदीप सेमवाल सहायकाचार्य संहिता सिद्धान्त एवं संस्कृत विभाग उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय मुख्य परिसर देहरादून रहेंगे।