उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अन्य प्रयास फेल होने के बाद, अब बचाव अभियान की सारी उम्मीदें हाई पावर ड्रिलिंग मशीन पर टिक गई है। एनएचएआईडीसीएल के डायरेक्टर अंशु मनीष खलको ने बताया कि हाई पावर ड्रिलिंग एक घंटे में पांच मीटर तक पाइप को मलबे के अंदर घुसा सकती है।
उन्होंने बताया कि सुरंग के अंदर जितना मलबा साफ किया जा रहा है, उतना ही वापस आ रहा है। इस कारण अब सारा ध्यान पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंच बनाने पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए 25 टन वजनी हाई पावर स्टेट ऑफ दि आर्ट ड्रिल मशीन मौके पर पहुंचा दी गई है। यह मशीन पाइप को प्रति घंटे पांच मीटर तक मलबे के अंदर पहुंचा सकती है। पहले ही पाइप तीन मीटर तक अंदर जा चुका है। अब भी करीब पचास मीटर मलबा बाकी है, इस तरह एक बार हाई पावर ड्रिल मशीन से काम शुरू होने पर मजदूरों तक पहुंचने में दस से 12 घंटे का समय लग सकता है। हालांकि अभी टीम को यह पता नहीं है कि अंदर मलबे में कोई मशीन या चट्टान तो नहीं फंसी है।
उन्होंने बताया कि मजदूरों से लगातार बात हो रही है, एक पाइप से खाना और दूसरे ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। मजदूरों का हौसला बढ़ाने के लिए लगातार उनके गांव के मजदूरों से भी बात कराई जा रही है। साथ ही संबंधित राज्य के अधिकारी भी मजदूरों से सम्पर्क बनाए हुए हैं। बचाव अभियान में कोई रुकावट पैदा न हो इसलिए सुरंग के अंदर जरूरी लोगों को ही रखा जा रहा है। बैकअप नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हर योजना का बैकअप प्लान भी उपलब्ध है, जो मशीन यहां उपलब्ध नहीं थी, उसे एयरलिफ्ट कर मंगाया गया है।