देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने बुधवार को विधानसभा की प्रवर समिति अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल से उनके यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर मुलाकात की और प्रवर समिति की बैठक को दो माह आगे बढ़ाने पर नाराजगी जताई। राज्य आंदोलनकारियों का प्रतिनिधिमंडल ज्यों ही सरकारी आवास पर मुलाकात के लिए पहुंचा उसी समय मंत्री अपने काफिले के साथ आवास से निकल गए। इस पर आंदोलनकारी मंच के प्रतिनिधि नाराज हो गए। स्टाफ से पता लगा कि मंत्री महोदय मैक्स अस्पताल गये हैं, इसलिए उन्हें इंतजार करना होगा। एक घंटे बाद आवास पहुंचने पर मंत्री ने संदेश भिजवाया कि आंदोलनकारी उनके पीआरओ से बात कर लें। इससे नाराज आंदोलनकारी आवास से बाहर नारेबाजी करने लगे। प्रवर समिति तिथि बढ़ाने का खेल बन्द करो.., उत्तराखंड आंदोलनकारियों की उपेक्षा बन्द करो..। नारेबाजी सुनकर प्रवर समिति अध्यक्ष ने उन्हें वार्ता के लिए बुलाया और नाराजगी जताते हुए कहा कि दांत दर्द की वजह से वह बात करने की स्थिति में नहीं हैं और वे लोग नारेबाजी कर रहे हैं। इस पर दोनों ओर से कुछ देर बहस हुई। बाद में सौहार्दपूर्ण तरीके से वार्ता हुई, जिसमें मंच अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि यदि प्रवर समिति दो हफ्ते में बैठक बुलाने की पहल करें तभी भर्ती कैलेण्डर का लाभ राज्य आंदोलनकारियों को मिल सकेगा।
प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने बताया कि पिछले 10-वर्षों से क्षैतिज आरक्षण पुनर्बहाली के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन परिणाम दूर दूर होता जा रहा है। शिष्टमण्डल ने इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी से भी मुलाकात की जिसमें उन्होंने कहा कि तिथि प्रवर समिति के सुझाव पर बढ़ाई गईं। जैसे ही समिति इस मसौदे को पास करेगी तत्काल सत्र बुलाया जाएगा। मंच ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी इस मसले का ज्ञापन मेल किया है। मंच पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रवर समिति हीलाहवाली करेगी तो मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
मौके पर जगमोहन सिंह नेगी, केशव उनियाल, अरुणा थपलियाल, विजय बलूनी, विनोद असवाल, गणेश शाह, राकेश बछेती, गिरी राज उनियाल, महेश कुमार, गौरव खंडूड़ी, सुमित थापा, नवीन राणा, विरेन्द्र सिंह, सुशील कुमार, मनोज उनियाल मौजूद रहे।