ऋषिकेश। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने कार्यक्रम आयोजित कर मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा कांड के शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी।
सोमवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने नगर निगम परिसर स्थित स्व. इंद्रमणि बडोनी हाल में आयोजित बैठकमें मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा कांड के शहीदों को याद किया। राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि दो अक्तूबर 1994 में उत्तराखंड आंदोलन के दौरान अहिंसात्मक ढंग से आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने बेरहमी से गोलियां और लाठियां चलाईं। इसके चलते कई आंदोलनकारियों की जान चली गई। उस काले दिवस को उत्तराखंड की जनता कभी भूल नहीं सकती। उन शहीदों के बलबूते उत्तराखंड राज्य का गठन हो पाया, लेकिन उत्तराखंड राज्य बनने के 23 वर्ष बाद भी राज्य आंदोलनकारियों के सपने पूरे नहीं हो पाए हैं। उत्तराखंड में भू माफिया, शराब माफिया, खनन माफिया जगह-जगह कब्जा बनाए हुए हैं। इस दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
मौके पर वेद प्रकाश शर्मा, डीएस गुसाई, गंभीर मेवाड़, बलबीर सिंह नेगी, विक्रम भंडारी, संजय शास्त्री, जय सिंह रावत, चंदन सिंह पंवार, जगदंबा भट्ट, बाला दत्त पांडे, युद्धवीर सिंह चौहान, रूक्कम सिंह पोखरियाल, सत्य प्रकाश जखमोला, संजय पोखरियाल, जयेंद्र रमोला, राकेश मियां, बृज बहुगुणा, एडवोकेट राजेंद्र भंडारी, वीरेंद्र शर्मा, प्रेम सिंह रावत, बृजेश डोभाल, मायाराम उनियाल, उमेद सिंह नेगी, वीरेंद्र नौटियाल, आशु डंगवाल, उर्मिला डबराल, प्रेम नेगी, मुन्नी ध्यानी, शकुंतला नेगी, राजेश्वरी कंडवाल, पूर्णा राणा, सरला नेगी, राजेश्वरी मनोरी, गुड्डी डोभाल, अंजू गैरोला, सरोजिनी रावत, सुशीला कंडवाल आदि उपस्थित रहे।