अल्मोड़ा। गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा के जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केंद्र द्वारा बुधवार 20 सितम्बर को बागेश्वर जनपद के ग्राम कीमू में ‘औषधीय पौधों का कृषिकरण एवं संरक्षण’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कृषकों को औषधीय पौधों के गुणों, महत्व और उनसे होने वाले आय से अवगत कराना है। कार्यशाला में संस्थान के शोधार्थी बसन्त सिंह ने कृषकों को कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया।
संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. आशीष पाण्डे ने औषधीय पौधों की खेती तथा उनके सतत उपयोग के बारे में कषकों को बताया। उन्होंने बताया कि औषधीय पौधों से बाजार में विभिन्न प्रकार की दवाईयॉ तथा उर्जा रूपी उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं जिनकी खेती करने से कृषक अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए बी.एस गड़िया ने ग्रामवासियों को औषधीय पौधों के बाजारीकरण तथा उसके निवारण विषय पर संक्षिप्त टिप्पणी की। डा0 आशीष पाण्डे ने कृषकों को औषधीय पौधों की कृषिकरण में बाजारीकरण की कठिनाई से निपटने के समाधान दिए।
कार्यशाला में संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. आशीष पाण्डे, शोधार्थी बसन्त सिंह, सौरभ मेहरा सहित 40 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।