कोटद्वार। कोटद्वार के खोए हुए वैभव को लौटाने की मांग करते हुए कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति ने 20 सितंबर को कोटद्वार बंद एवं चक्का जाम का ऐलान किया है। इस दौरान सिर्फ आकस्मिक सेवाएं चालू रहेंगी।
सोमवार को मालिनी मार्केट स्थित व्यापार भवन सभागार में संघर्ष समिति की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संयोजक नागेंद्र उनियाल ने बताया कि राज्य निर्माण से पहले कोटद्वार से कालागढ़ और लालढांग-चिलरखाल मोटर मार्ग आम आदमी के लिए खुला था लेकिन अब कई सालों से इस पर राजनीति हो रही है। इसके अलावा कोरोना काल में यहां आने वाली ट्रेन को भी बंद कर दिया गया, जिससे कोटद्वार की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि मोटर नगर की भूमि को मुक्त कराते हुए इस प्रकरण की सीबीआई या न्यायिक जांच होनी चाहिए। कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य निर्माण से पहले की तरह कोटद्वार की सीवर ट्रीटमेंट व्यवस्था के साथ ही मुक्तिधाम और स्टेडियम समेत आसपास की जनता को कूड़ा डंपिंग जोन से मुक्ति दिलाने की मांग संघर्ष समिति कर रही है। बताया कि बंद को सफल बनाने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अपना समर्थन समिति को दिया है। कहा कि 20 सितंबर को धर्मशाला से तहसील तक एक मौन जुलूस भी निकाला जाएगा।
इस मौके पर शक्तिशैल कपरवान, चंद्रप्रकाश नैथानी, गोविंद डंडरियाल, पीएल खंतवाल, राजेन्द्र पंत, एसएन नौटियाल मौजूद रहे।