ग्राम पंचायत ने तय किए शगुन के रेट
रुड़की। हरिद्वार जिले के एक गांव में अनोखी पहल की की गई है। दरसअल इस गांव के प्रधान द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया है। प्रस्ताव में लिखा गया है कि शादी समारोह या अन्य खुशी के मौके पर किन्नरों को शगुन के तौर पर अब तय धनराशि से अधिक नहीं दी जाएगी। इसके लिए गांव में बाकायदा बोर्ड भी लगाया गया है। इसी के साथ कड़ी चेतावनी भी दी गई है कि अगर कोई किन्नर प्रस्ताव में तय की गई धनराशि से अधिक पैसा वसूलता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इस प्रस्ताव को लेकर ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की है।
बताते चलें कि शादी-विवाह या किसी अन्य खुशी के मौके पर अक्सर गांव में किन्नरों को देखा जाता है। कई बार किन्नर अपनी जिद पर अड़ कर शगुन के नाम पर ज्यादा धनराशि वसूलते हैं, जिसके चलते टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कई लोगों के पास इतनी राशि देने के लिए नहीं होती है। ऐसे में उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
दरअसल रुड़की ब्लॉक की ग्राम पंचायत मेहवड खुर्द में एक अनोखी शुरुआत की गई है। ये पहल अन्य पंचायतों के लिए भी एक मिसाल बन जाएगी। बताते चलें कि मेहवद खुर्द की ग्राम प्रधान रुचि सैनी की अध्यक्षता में ग्राम प्रधान, सदस्यों और अन्य ग्रामीणों ने एक बैठक का आयोजन कर प्रस्ताव पारित किया है। बैठक में मौजूद सभी लोगों की सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गांव में आने वाले किन्नरों को इनाम या शगुन के तौर पर अब 1,100, 2,100 और 3,100 रुपये की ही धनराशि दी जाएगी। इसी के साथ उन्होंने कड़ी चेतावनी भी दी है कि अगर कोई किन्नर प्रस्ताव में तय की गई धनराशि से अधिक पैसा वसूलता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए गांव में बाकायदा बोर्ड भी लगाया गया है, जिसको लेकर ग्रामीणों ने अपनी खुशी जाहिर की है।
ग्राम प्रधान रुचि सैनी और प्रतिनिधि कंवरपाल सैनी ने बताया कि ग्राम पंचायत की एक खुली बैठक बुलाई गई। बैठक में समस्त ग्रामवासियों की सहमति से गांव में किन्नरों के द्वारा बधाई में लेने वाली धनराशि तय की गई है। उन्होंने बताया कि इसी के साथ ग्राम पंचायत ने एक और प्रस्ताव भी पास किया है। गांव के किसी भी व्यक्ति द्वारा गौवंश जिसमें गाय, बछड़ा या बैल आदि बेचने पर विक्रेता की पूरी डिटेल अपने पास लेनी होगी। गौवंशीय पशु की खरीद फरोख्त करने पर आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर और पशु का हुलिया बनाकर ग्राम पंचायत और खरीदने व बेचने वाले को देना होगा। पूरी डिटेल ग्राम पंचायत में जमा करानी होगी। वहीं प्रस्ताव पास किया गया है कि गौवंश बेचने वाले व्यक्ति को यह जिम्मेदारी निभानी होगी। नहीं तो ग्राम पंचायत इस मामले में भी कार्रवाई कर सकती है।