देहरादून। कुछ दिन पहले केदारनाथ यात्रा पड़ावों पर भारी बारिश के बाद आपदा जैसे हालात पैदा हो गये थे। जिसके बाद लिंचैली, भीमबलि के साथ ही दूसरे स्थानों पर सैकडों श्रद्धालु फंस गये। जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ ही सेना के जवान राहत बचाव कार्य में जुटे हैं। सोनप्रयाग, गौरीकुंड में भी आपदा के बाद के हालातों को सुधारा जा रहा है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सोनप्रयाग में पुल का निर्माण शुरू हो गया है। साथ ही सोनप्रयाग-केदारनाथ मार्ग पर फंसे तीर्थयात्री और पर्यटकों को भी निकाला जा रहा है। केदारनाथ घाटी में भूस्खलन के बाद तीर्थयात्री और पर्यटकों की ही परेशानियां नहीं बढ़ी हैं, बल्कि पशुओं के लिए भी खाने की समस्या हुई है। जिसे देखते हुए पशुपालन विभाग ने रुद्रप्रयाग में फंसे खच्चरों और घोड़ों के लिए श्पशु आहारश् भेजा है।
सीएम धामी ने नितिन गड़करी से राज्य की क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निर्माण का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बरसात के बाद चारधाम यात्रा सहित राज्य में पर्यटकों की आवाजाही तेजी से बढ़ेगी, जिसके लिए सड़कों की समय पर मरम्मत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने सड़कों की मरम्मत के लिए केंद्रीय सड़क सुरक्षा कोष के अंतर्गत आवश्यक धनराशि स्वीकृत करने का भी अनुरोध नितिन गडकरी से किया। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कें ही यातायात का प्रमुख साधन हैं, इसलिए क्षतिग्रस्त सड़कों की समय पर मरम्मत राज्य हित में जरूरी है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। भारी बारिश के कारण बाधित हुआ चीरबासा हेलीपैड हेली सेवाओं के लिए तैयार है। इससे बचाव कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलेगी। केदार घाटी में भारी बारिश के बाद कई मार्ग आवाजाही के लिए बंद हो गए थे। इन्हें खोलने के लिए विभिन्न बचाव दल लगातार अभियान चला रहे हैं। भारी बारिश के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग का मुख्य स्थान चीरबासा हेलीपैड हेली सेवाओं के लिए पूरी तरह से बाधित हो गया था। कमांडेंट एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में एसडीआरएफ टीम द्वारा बाधित चीरबासा को हेली सेवाओं के लिए चालू कर दिया गया है, जो बचाव दलों के लिए बड़ी राहत है।