देहरादून। जिलाधिकारी देहरादून की अध्यक्षता में गठित जिला गंगा सुरक्षा समिति की मासिक बैठक विकास भवन देहरादून के सभागार में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक पिछली बैठक के कार्यवृत्त की मुख्य विकास अधिकारी द्वारा समीक्षा की गई। बिंदुगत चर्चा में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सीडीओ ने कार्यवाही के निर्देश दिए। नगर निगम ऋषिकेश के मुख्य नगर आयुक्त राहुल कुमार गोयल ने बताया कि नगर क्षेत्र में पॉलीथिन पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए निरन्तर अभियान चलाया जा रहा है अब तक कुल 192 चालान कर 1.80 लाख धन राशि अर्थ दंड के रूप में वसूली गयी है।
जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुरूप नगर निगम ऋषिकेश द्वारा 72 सीढ़ी के समीप अतिक्रमण हटाते हुए विकसित करने की कार्य योजना तैयार की जा रही है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देशानुपालन में उत्तराखंड पेयजल निगम देहरादून शाखा द्वारा टपकेश्वर मन्दिर क्षेत्रान्तर्गत सिविर निस्तारण हेतु एसटीपी निर्माण किये जाने के सम्बंध में निरीक्षण कर लिया गया है तथा प्रस्ताव तैयार किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।
समिति के सक्रिय नामित सदस्य पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने सदन को बताया कि ऋषिकेश ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत निर्मित 26 एमएलडी एसटीपी के समीप एक सौ बीस बीघा भूमि पर खाली पड़े तालाब आसपास रहने वालों के लिए जलभराव होने के कारण समस्या बने हुए हैं जबकि पूर्व में उक्त तालाबों को साहसिक पर्यटन नौकायन, बर्ड वाचिंग पोइन्ट एवं राज्य मत्स्य पालन प्रशिक्षण केंद्र स्थापना का सुझाव समिति सदस्य द्वारा दिया गया था। इससे समस्या के निदान के साथ सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी और पहले से ही तालाब उपलब्ध होने के कारण योजना विकसित करने का खर्च भी अधिक नहीं आएगा। जुगलान ने सम्बन्धित अधिकारियों के बैठक में उपस्थित न रहने पर अप्रसन्नता व्यक्त की।
बैठक की अध्यक्षता कर रहीं मुख्य विकास अधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को अगली बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए। जुगलान ने कहा कि ग्राम सभा खदरी में खादर क्षेत्र में सौंग नदी की बाढ़ से भारी क्षति पहुँची है। यहाँ रिवर ड्रेसिंग कर नदी की जलधारा को बीचों बीच ले जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाढ़ सुरक्षा से संबंधित कार्य शीघ्र शुरुकिये जाएँ।जिसका संज्ञान लेते हुए सीडीओ देहरादून ने बाढ़ नियंत्रण की कार्यदायी सिंचाई विभाग को सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए। जुगलान ने बताया कि राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान खदरी के समीप मनरेगा में बनाई गई सुरक्षा दीवार का एक हिस्सा भारी बर्षात के कारण ढह गया है। यहाँ स्थानीय युवा नहाते हैं, ऐसे में यह स्थान दुर्घटना संभावित हो गया है। उक्त क्षतिग्रस्त सुरक्षा दीवार को आपदा में लेते हुए त्वरित निर्माण की आवश्यकता है। जिसका संज्ञान लेते हुए खण्ड विकास अधिकारी डोईवाला को पुनर्निर्माण की कार्ययोजना हेतु निर्देशित किया गया। जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुरूप नगर निगम ऋषिकेश द्वारा 72 सीढ़ी के समीप अतिक्रमण हटाते हुए विकसित करने की कार्य योजना तैयार की जा रही है।
जिलाधिकारी द्वारा निर्देशानुपालन में उत्तराखंड पेयजल निगम देहरादून शाखा द्वारा टपकेश्वर मन्दिर क्षेत्रान्तर्गत सिविर निस्तारण हेतु एसटीपी निर्माण किये जाने के सम्बंध में निरीक्षण कर लिया गया है तथा प्रस्ताव तैयार किये जाने की कार्यवाही गतिमान है। ऋषिकेश क्षेत्र में निराश्रित पशुओं की समस्या के निस्तारण को खदरी में काँजी हाउस और गुमानी वाला खसरा नम्बर 198 में एबीसी सेंटर खोले जाने का सुझाव दिया गया। समिति सदस्य विनोद जुगलान द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में जलभराव के कारण उतपन्न हुई गंदगी की समस्या के निस्तारण का आग्रह किया गया, सीडीओ द्वारा डीपीआरओ देहरादून को संज्ञान लेने और समस्या के समाधान के लिए तत्काल व्यवस्था बनाने को कहा गया।
देहरादून बैठक में नगर आयुक्त ऋषिकेश राहुल कुमार गोयल,उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर डॉ आर के चतुर्वेदी,मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी विद्या सागर कापड़ी, उपप्रभागीय वनाधिकारी स्पर्श काला, सहायक खंड विकास अधिकारी आशीष बहुगुणा,सहायक अभियंता जल संस्थान हरीश कुमार बंसल, सहायक अभियंता राम कुमार,सहायक अभियंता धर्मेन्द्र कुमार, नगर निगम के एमआईएस विशेषज्ञ गुरमीत सिंह, नामित सदस्य सुदामा सिंघल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।