देहरादून। प्रमुख विपक्षी दलों एवं जन संगठनों ने भाजपा सरकार पर चंद ठेकेदारों और कंपनियों से सांठगांठ कर असंवैधानिक ढग से विनाशकारी परियोजनाओं को उनके हवाले करने का आरोप लगाया है। उन्होने कहा इन परियोजनाओं की आड़ मे लोगों को गैर कानूनी रुप से बेघर किया जा रहा है जो कि अनुचित है। प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते उक्त संगठनों के नेताओं ने कहा कोर्ट के आदेश के बहाने हर बार लोगों को गैरकानूनी तरीकों से बेघर किया जा रहा है जबकि वर्तमान बीजेपी सरकार ने खुद वादा किया था कि मजदूर बस्तियों में या तो लोगों को हक दिया जायेगा या उनका पुनर्वास कराया जायेगा।
उन्होने कहा कि आगामी 24 जुलाई को पुनरू राष्ट्रीय हारित प्राधिकरण में सुनवाई है । आशंका है कि सरकार अपनी जन विरोधी नीतियों को छुपाने के लिए जानबूझकर नकारात्मक आदेश ले कर आएगी। जबकि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कानून लाए कि किसी को बेघर नहीं किया जाएगा। हर परिवार के लिए किफायती घर हो, यह सरकार का वादा भी था और उनकी जिम्मेदारी भी है।
जन संगठनों ने सरकार पर पर्यावरण के नाम पर लोगों को बेघर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार खनन माफिया, बड़े बिल्डरों, होटल मालिकों और सरकारी विभागों को नदियों पर अतिक्रमण करने के लिए खुले तौर पर संरक्षण दे रही है। उन्होने कहा कि शहर के हजारों पेड़ काटे गए हैं लेकिन सरकार चुप्पी साधे है। नेताओं का कहना है कि रिस्पना एवं बिंदाल नदियों पर ष्एलिवेटेड रोडष्, डोईवाला में नया टाउनशिप जैसे परियोजनों पर सरकार हजारों करोड़ खर्च करने के लिए तैयार है, लेकिन शहर के अंदर सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाने , लोगों को घर देने और आम जन के हित में शहर प्लानिंग करने में सरकार की कोई रूचि नहीं है। उन्होने कहा कि सरकार जिन परियोजनाओं को लागू करने की योजना बना रही है उससे लाखों परिवार बेघर होंगे। किसान विस्तपित होंगे व पर्यावरण को बेहद नुकसान होगा। साथ ही भूकंप, बाढ़ और अन्य आपदाओं का खतरा बढ़ जाएगा। फायदा होगा तो सिर्फ चंद ठेकेदारों,कंपनियों एवं कॉरपोरेट घरानों को।
जन संगठनों के नेताओं ने चेताते हुए कहा कि निकाय चुनाव से पहले इन मुद्दों पर सरकार जबाब दे अन्यथा व्यापक जन आंदोलन छेड़ा जायेगा। पत्रकार वार्ता में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय कौंसिल सदस्य समर भंडारी, इंडिया गठबंधन एवं सिविल सोसाइटी के संयोजक शीशपाल सिंह बिष्ट,समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ सत्यनारायण सचान, सीटू के जिला महामंत्री लेखराज,चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल व हरबीर सिंह कुशवाहा शामिल थे। एटक और अन्य संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया।