रुद्रप्रयाग। सरस्वती (मोरकंडा) नदी पर बनतोली में लोहे के पुल के टूट जाने के बाद द्वितीय केदार मद्महेश्वर की यात्रा पूरी तरह थम गई है। धार्मिक यात्रा के साथ ही खूबसूरत प्रकृति निहारते हुए साहसिक पर्यटन का अहसास कराने वाली मद्महेश्वर की यात्रा रुकने से स्थानीय लोगों का रोजगार भी प्रभावित हो गया है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से शीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है।
मद्महेश्वर घाटी में द्वितीय केदार मद्महेश्वर की यात्रा शुरू होते ही रांसी, गौंडार, खुन्नु, बनतोली, नानू, खटरा आदि स्थानों में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग रोजगार करते हैं। इन ग्रामीणों का यात्रा पर ही रोजगार निर्भर है किंतु बनतोली में पुल टूटने के बाद यात्रा पूरी तरह थम जाने से स्थानीय लोगों का रोजगार प्रभावित हो गया है।
गौंडार के ग्राम प्रधान वीर सिंह ने बताया कि कुछ लोगों की मद्महेश्वर और पैदल मार्ग में छानी और दुकानें हैं वो अभी भी वहां हैं। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही मार्ग खुलेगा और फिर से कारोबार चलेगा। उनके पास रहने, खाने के साथ ही जरूरी सामान उपलब्ध है। उन्होंने शासन-प्रशासन से शीघ्र मद्महेश्वर यात्रा की दिक्कत को देखते हुए बनतोली में वैकल्पिक व्यवस्था शुरू करने की मांग की है। जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने कहा कि शीघ्र ही बनतोली में ट्राली लगाई जानी चाहिए। साथ ही स्थाई पुल निर्माण की दिशा में अभी से प्रभावी कार्रवाई करनी होगी ताकि जल्द से जल्द पुल का निर्माण हो सके।