हरिद्वार। कन्या गुरुकुल कैंपस में 69वें वन्य जीव सप्ताह का आयोजन किया गया। इसके अन्तर्गत परिसर में पोस्टर, पी.पी.टी. प्रेजेंटेशन निबंध लेखन, क्विज आदि विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रो0 नमिता जोशी ने मानव वन्य जीव संघर्ष के कारणों और निदान पर आख्यान दिया। परिसर में वन्य संरक्षण के अन्तर्गत पौधारोपण कराया गया।
वन्य जीव सप्ताह 2023 की थीम “पार्टनरशिप फॉर वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन” के अंतर्गत एम.एस.सी. प्रथम वर्ष की छात्रा एकता झा तथा अर्पिता दास ने पी.पी.टी. प्रेजेंटेशन दिया। जिसमें उन्होंने वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। डॉ संगीता मदान ने कहा वन्य जीवों का वनों से अटूट रिश्ता है, वनों में रहने वाले जीव जन्तु और पक्षियें के लिए यही वन उनका घर है। वन्य प्राणियों से प्राकृतिक संतुलन बना रहता है। औद्योगिक की बढ़ती जा रही संख्या से वन्य क्षेत्र सिमटते जा रहे है। इसके कारण वन्य जीवो की प्रजातियां नष्ट होती जा रही है। वन्य जीवों का विलुप्त होना हमारे लिये खतरे की ओर संकेत दे रहा है। मानव जाति को यदि अपना अस्तित्व बनाये रखना है, तो पर्यटन का बढावा देना है एवं वनो को बचाये रखना है तो वन्य जीवों का संरक्षण करना होगा। कार्यक्रम का उद्देश्य भावी पीढ़ी को वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना रखा गया।
कार्यक्रम में परिसर की समन्वयक, विभिन्न विभागों की शिक्षिकाऐं एवं छात्राओं द्वारा भागीदारी की गई। वन्य जीव सप्ताह के अन्तिम चरण में निराली मानिकपुरी ने विचारपरक काव्य पाठ किया तथा शची श्वेता पंत ने उत्तराखंड के वन्य जीवन पर प्रकाश डाला।